Monday, December 03, 2012

हर बात निभा लेते हैं

अब तो हर बात निभा लेते हैं
आइए! साथ निभा लेते हैं
कुछ तो थे जिनको नहीं सुनते थे, अब
सारे नग्मात निभा लेते हैं

-‘ग़ाफ़िल’

कमेंट बाई फ़ेसबुक आई.डी.

7 comments:

  1. वाह बेहद शानदार ...

    मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    >..प्यासी नज़र

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  2. गहन और सुंदर ....
    शुभकामनायें .

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  3. बहुत बढ़िया ।
    बधाई ||

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  4. वाह बहुत बढ़िया जहां सूरज निकले वहीँ सवेरा |

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  5. चित्र आलेखन की बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

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  6. वाह..
    बहुत खूब कहा...

    सादर
    अनु

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  7. बहुत खूब कहा है .

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