tag:blogger.com,1999:blog-896228216551456906.post1974088332407369160..comments2024-03-08T07:10:36.846+05:30Comments on अंदाज़े ग़ाफ़िल: हर ओर तिश्नगी है हर ओर ग़म के सायेचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’http://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-896228216551456906.post-61079832584575552032016-06-03T19:24:22.346+05:302016-06-03T19:24:22.346+05:30शमशान तक ही चाहे जाना तो लाज़िमी है
ज़न्नत किसे मिली...शमशान तक ही चाहे जाना तो लाज़िमी है<br />ज़न्नत किसे मिली है घर बैठे और बिठाए<br /><br />Bahut khoob! Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-896228216551456906.post-75098122354987027522016-06-02T16:32:38.544+05:302016-06-02T16:32:38.544+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (0...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (03-06-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "दो जून की रोटी" (चर्चा अंक-2362) (चर्चा अंक-2356) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com