tag:blogger.com,1999:blog-896228216551456906.post2003182401461441202..comments2024-03-08T07:10:36.846+05:30Comments on अंदाज़े ग़ाफ़िल: सजाकर जो पलक पर आँसुओं का हार रखता हैचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’http://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-896228216551456906.post-26208142063938707432017-01-08T13:12:15.411+05:302017-01-08T13:12:15.411+05:30सुन्दर प्रस्तुति सुन्दर प्रस्तुति Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-896228216551456906.post-73628701277469916652017-01-07T11:52:32.711+05:302017-01-07T11:52:32.711+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (07-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (07-01-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "पढ़ना-लिखना मजबूरी है" (चर्चा अंक-2577) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />नववर्ष 2017 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com