मुझे अच्छा लगे है मेरा ग़ैरतमंद बीराना
तेरा पत्थर का बेग़ैरत शहर तुझको मुबारक हो
मेरी तारीक रातें भी मुझे लोरी सुनाती हैं
कड़कती चिलचिलाती दोपहर तुझको मुबारक हो
-‘ग़ाफ़िल’
तेरा पत्थर का बेग़ैरत शहर तुझको मुबारक हो
मेरी तारीक रातें भी मुझे लोरी सुनाती हैं
कड़कती चिलचिलाती दोपहर तुझको मुबारक हो
-‘ग़ाफ़िल’