दिखे इस तर्ह मेरी मौत का आसार जाने क्यूँ
पशेमाँ है किए पे ख़ुद के वह गद्दार जाने क्यूँ
बड़े बनते मुसन्निफ़ हैं कहो तो मौत लिख डालें
मगर वो लिख नहीं सकते हैं आखि़र प्यार, जाने क्यूँ
मेरी जानिब चले आते हैं सूरज चाँद तारे सब
न आते हैं कभी भी आप ही सरकार जाने क्यूँ
भले रश्कीं हो पर कोई सफ़र में साथ तो दे दे
हुआ जाए है अब तन्हा मेरा क़िरदार जाने क्यूँ
सभी तो जानते हैं हुस्न नज़रों की अमानत है
मगर इसके भी हैं हर सिम्त पहरेदार जाने क्यूँ
उड़ाकर गर्द ख़ुद ही, देखिए ग़ाफ़िल जी कमज़र्फ़ी
कोई अश्कों से धोए जा रहा रुख़सार जाने क्यूँ
-‘ग़ाफ़िल’
पशेमाँ है किए पे ख़ुद के वह गद्दार जाने क्यूँ
बड़े बनते मुसन्निफ़ हैं कहो तो मौत लिख डालें
मगर वो लिख नहीं सकते हैं आखि़र प्यार, जाने क्यूँ
मेरी जानिब चले आते हैं सूरज चाँद तारे सब
न आते हैं कभी भी आप ही सरकार जाने क्यूँ
भले रश्कीं हो पर कोई सफ़र में साथ तो दे दे
हुआ जाए है अब तन्हा मेरा क़िरदार जाने क्यूँ
सभी तो जानते हैं हुस्न नज़रों की अमानत है
मगर इसके भी हैं हर सिम्त पहरेदार जाने क्यूँ
उड़ाकर गर्द ख़ुद ही, देखिए ग़ाफ़िल जी कमज़र्फ़ी
कोई अश्कों से धोए जा रहा रुख़सार जाने क्यूँ
-‘ग़ाफ़िल’