आइए देखें के कैसे कैसे अफ़साने हुए
किस तरह कितने बशर अपनो से बेगाने हुए
मंज़िले उल्फ़त उन्हें हासिल नहीं हो पाई गो
हाँ मगर इतना हुआ कुछ अपने दीवाने हुए
हर कोई ले लुत्फ़ यूँ सबका मुक़द्दर तो नहीं
आतिशे उल्फ़त की बाबत कुछ ही परवाने हुए
शुक्र है, गोया नहीं उम्मीद थी हमको मगर
लग रहे दोज़ख़ में सारे चेहरे पहचाने हुए
अक्स उल्टा ही दिखाएँगे है ज़िद ये कैसी ज़िद
ग़ाफ़िल ऐसे जाने क्यूँ हर आईनाख़ाने हुए
-‘ग़ाफ़िल’