1.
डूब तो जाऊँगा हरगिज़ है शर्त इतनी के,
मैं जहां हूँ वहां आँखों का समन्दर आए।
2.
उसमें इज़हारे मुहब्बत का असर तो कर दे,
ऐ ख़ुदा भेज दिया ख़ाली लिफ़ाफ़ा उसको।
3.
कह रही मैम यूँ लहराके दुपट्टा अपना,
देख ग़ाफ़िल ये कायनात हमारी ही है।
4.
दिल का तेरे दरवाज़ा बन्द रहता बारहा,
अब तो तुझे आवाज़ लगाते भी जी डरे।
5.
आँसुओं जो बहे जा रहे इस क़दर,
चश्म मेरी तुम्हें भी गवारा न क्या।
6.
मेरे पास खोने के सिलसिले तेरे पास पाने की चाहतें,
इन्हीं सिलसिलों इन्हीं चाहतों में गुज़र रही है दो ज़िन्दगी।
7.
तेरे आने का हमें इंतज़ार रहता है,
टूट जाता है दिल जाने की बात से तेरे।
8.
हम आए और उसने भी क्या उठके चल दिया,
बस इस अदा से हमसे मिली ज़िन्दगी अक्सर।
9.
फिर खिला है गुल तो फिर से ख़ुश्बुओं का काफ़िला
मेरे उदास वक़्त को ज़रा छुआ गुज़र गया
10.
काश के ग़ाफ़िल तेरे तसव्वुर में कोई खो जाता यूँ के,
अहले ज़माना फिर कह उठता इश्क़ दीवाना होता है।
डूब तो जाऊँगा हरगिज़ है शर्त इतनी के,
मैं जहां हूँ वहां आँखों का समन्दर आए।
2.
उसमें इज़हारे मुहब्बत का असर तो कर दे,
ऐ ख़ुदा भेज दिया ख़ाली लिफ़ाफ़ा उसको।
3.
कह रही मैम यूँ लहराके दुपट्टा अपना,
देख ग़ाफ़िल ये कायनात हमारी ही है।
4.
दिल का तेरे दरवाज़ा बन्द रहता बारहा,
अब तो तुझे आवाज़ लगाते भी जी डरे।
5.
आँसुओं जो बहे जा रहे इस क़दर,
चश्म मेरी तुम्हें भी गवारा न क्या।
6.
मेरे पास खोने के सिलसिले तेरे पास पाने की चाहतें,
इन्हीं सिलसिलों इन्हीं चाहतों में गुज़र रही है दो ज़िन्दगी।
7.
तेरे आने का हमें इंतज़ार रहता है,
टूट जाता है दिल जाने की बात से तेरे।
8.
हम आए और उसने भी क्या उठके चल दिया,
बस इस अदा से हमसे मिली ज़िन्दगी अक्सर।
9.
फिर खिला है गुल तो फिर से ख़ुश्बुओं का काफ़िला
मेरे उदास वक़्त को ज़रा छुआ गुज़र गया
10.
काश के ग़ाफ़िल तेरे तसव्वुर में कोई खो जाता यूँ के,
अहले ज़माना फिर कह उठता इश्क़ दीवाना होता है।