Monday, December 20, 2021

कोशिश अपनी है दिल चुराने की (2122 1212 22)

कोई रूठे तो रूठ जाए मगर
कोशिश अपनी है दिल चुराने की

सोचता हूँ के मुस्कुराएँगे जब आप
होगी क्या हालत इस ज़माने की

-‘ग़ाफ़िल’

9 comments:

  1. सच कोशिश कभी नहीं छोडनी चाहिए
    बहुत खूब।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (22-12-2021) को चर्चा मंच          "दूब-सा स्वपोषी बनना है तुझे"   (चर्चा अंक-4286)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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  3. बहुत खूब ।
    दोनों शेर बेहतरीन ।

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