एकदम बढ़िया
आभार आपका योगी जी!
बहुत खूब !
प्रतिभा जी! आदाब!
laajawab.
thanks Anakika ji!
सुंदर पंक्तियाँ...बधाई
shuqriya shyam ji
अच्छी बात !
महेन्द्र जी आपका बहुत-बहुत आभार!
बेहतरीन ...
प्रतिभा जी नमस्ते!
बहुत सुन्दर -जो दिया था तुमने मुझको एक बार फिर से दे दो एक क़र्ज़ माँगता हूँ बचपन उधार दे दो। उधार का प्यार ब्याज सहित।
राम राम भाई!
बहुत सुन्दर...
शर्मा जी आभार आपका
बहुत खूब लाजवाब प्रस्तुति
शुक्रिया कविता जी!
वाह क्या कहने --- बहुत सही ----सादर --आग्रह है ------मेरे ब्लॉग में सम्मलित होंआवाजें सुनना पड़ेंगी ----- http://jyoti-khare.blogspot.in
थैंक्स खरे साहेब!
रविकर भाई शुक्रिया
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...नयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँरक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें...
वाह बहुत खूब।
वाह यह उधार का प्यार चुकाते चुकाते उम्र भले ही बीत जाये पर मज़ा बहुत आता है।
thanks ma'm
एकदम बढ़िया
ReplyDeleteआभार आपका योगी जी!
Deleteबहुत खूब !
ReplyDeleteप्रतिभा जी! आदाब!
Deletelaajawab.
ReplyDeletethanks Anakika ji!
Deleteसुंदर पंक्तियाँ...बधाई
ReplyDeleteshuqriya shyam ji
Deleteअच्छी बात !
ReplyDeleteमहेन्द्र जी आपका बहुत-बहुत आभार!
Deleteबेहतरीन ...
ReplyDeleteप्रतिभा जी नमस्ते!
Deleteबहुत सुन्दर -जो दिया था तुमने मुझको एक बार फिर से दे दो एक क़र्ज़ माँगता हूँ बचपन उधार दे दो। उधार का प्यार ब्याज सहित।
ReplyDeleteराम राम भाई!
Deleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteशर्मा जी आभार आपका
Deleteबहुत खूब लाजवाब प्रस्तुति
ReplyDeleteशुक्रिया कविता जी!
Deleteवाह क्या कहने --- बहुत सही ----
ReplyDeleteसादर --
आग्रह है ------मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
आवाजें सुनना पड़ेंगी -----
http://jyoti-khare.blogspot.in
थैंक्स खरे साहेब!
Deleteरविकर भाई शुक्रिया
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें...
वाह बहुत खूब।
ReplyDeleteवाह यह उधार का प्यार चुकाते चुकाते उम्र भले ही बीत जाये पर मज़ा बहुत आता है।
ReplyDeletethanks ma'm
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