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चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Saturday, November 22, 2014
ऐ सुब्ह सबा तेरी अगर मेरे दर आए
ऐ सुब्ह सबा तेरी अगर मेरे दर आए
जाना के दरीचों से गुज़र कर इधर आए
दोस्तो! आज की ख़ुशगवार सुब आप सबको बहुत-बहुत मुबारक हो
-‘ग़ाफ़िल’
1 comment:
virendra sharma
November 24, 2014 1:10 AM
सुंदरम मनोहरं। सदैव की तरह सशक्त स्वर। बहुत खूब कहा है फुटकर में होलसेल का मज़ा।
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सुंदरम मनोहरं। सदैव की तरह सशक्त स्वर। बहुत खूब कहा है फुटकर में होलसेल का मज़ा।
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