Saturday, January 30, 2021

रही न फ़िक़्र किसी के अब आने जाने की

न बात बीच में आती हो जी लगाने की
तो है पड़ी ही किसे यार आज़माने की

रहा न मैं वो, रहा था जो आज के पहले
रही न फ़िक़्र किसी के अब आने जाने की

-‘ग़ाफ़िल’

Wednesday, January 13, 2021

सोचूँ तो सोचता ही रहूँ आप क्या दिए

आदाब!

कहकर के ये तो इश्क़ है कैसा नशा दिए
सोचूँ तो सोचता ही रहूँ आप क्या दिए

-‘ग़ाफ़िल’

Monday, January 11, 2021

नयी सी ताल पे नचती वही जवानी है

 जाड़ा (11 जनवरी 2021, 10.2AM)
कोई भी साल हो मौसम तो रंग बदलेगा
हर एक उम्र की यारो यही कहानी है
नया सा सुर है मगर गीत है वही अपना
नयी सी ताल पे नचती वही जवानी है
-‘ग़ाफ़िल’

Tuesday, January 05, 2021

ख़ार पर जो गुलाब आता है

हिस्से गोया सराब आता है
लुत्फ़ फिर भी जनाब आता है

या ख़ुदा वाह रे तेरा कर्तब
ख़ार पर जो गुलाब आता है

दिल टँगा हो ख़जूर की टहनी
तो परिंदा भी दाब आता है

दिन में भी आए माहताब मगर
सोने पर ही तो ख़्वाब आता है

फेंको तो झील में बस इक पत्थर
देखो कैसे हुबाब आता है

गो के आता है गुस्सा मुझको भी पर
क्यूँ मैं बोलूँ के सा'ब आता है

रश्क़ इस पर के आए ग़ाफ़िल जब
ग़ुल के ख़ानाख़राब आता है

-‘ग़ाफ़िल’