यह बात भी क्या बात है ‘जो लिख दिया सो लिख दिया’?
याँ क्या तेरी औक़ात है जो लिख दिया सो लिख दिया??
गेसू को लिख डाला घटा, चेहरे को चन्दा लिख दिया,
पर क्या ये सच्ची बात है जो लिख दिया सो लिख दिया?
याँ क़ुदरतन हालात में तब्दीलियाँ लाज़िम रहीं,
फिर क्यूँ अड़ाये लात है जो लिख दिया सो लिख दिया?
घर फूँककर ख़ुद का ही ख़ुद जो रोशनी पर है फ़िदा
देखा? के काली रात है जो लिख दिया सो लिख दिया?
यूँ तो कोई ग़ाफ़िल याँ सद्रे-कारवां दिखता नहीं,
शिव की यही बारात है? जो लिख दिया सो लिख दिया??
हाँ नहीं तो!
कमेंट बाई फ़ेसबुक आई.डी.
याँ क्या तेरी औक़ात है जो लिख दिया सो लिख दिया??
गेसू को लिख डाला घटा, चेहरे को चन्दा लिख दिया,
पर क्या ये सच्ची बात है जो लिख दिया सो लिख दिया?
याँ क़ुदरतन हालात में तब्दीलियाँ लाज़िम रहीं,
फिर क्यूँ अड़ाये लात है जो लिख दिया सो लिख दिया?
घर फूँककर ख़ुद का ही ख़ुद जो रोशनी पर है फ़िदा
देखा? के काली रात है जो लिख दिया सो लिख दिया?
यूँ तो कोई ग़ाफ़िल याँ सद्रे-कारवां दिखता नहीं,
शिव की यही बारात है? जो लिख दिया सो लिख दिया??
हाँ नहीं तो!
कमेंट बाई फ़ेसबुक आई.डी.
sundar prastuti
ReplyDeleteबहुत उम्दा ,,,,बधाई
ReplyDeleteआप तो मेरी पोस्ट पर आते है बहुत कम,
फिर भी कुछ सोचकर,लिख दिया सो लिख दिया !!
recent post: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,
धीरेन्द्र जी आप नाराज न हों आप स्वयं देख सकते हैं कि लगभग एक महीने बाद हमने कोई पोस्ट डाली है मजबूरन सोमवार की चर्चा लगा पा रहा हूं किसी तरह... इधर कॉलेज काम से कुछ अतिरिक्त व्यस्तता आ गयी है उसके चलते...वैसे आपका नाराज होना लाजमी है पर हमें विश्वास है कि आपकी नाराज़गी ज़ल्द दूर कर दूंगा
Deleteक्या बात है
ReplyDeleteक्या बात है
बहुत बढिया...
खूब सूरत से अशआर जो लिख दिया सो लिख दिया ,
ReplyDeleteथा उन्हें एतबार जो लिख दिया सो लिख दिया .
जो लिख दिया सो लिख दिया उम्दा रचना |
ReplyDeleteआशा
यह बात अच्छी बात है जो लिख दिया वो लिख दिया!
ReplyDeleteशेरों में सच्ची बात है जो लिख दिया वो लिख दिया!!
बहुत बढ़िया ग़ज़ल लिखी है आपने...!
बहुत जोरदार गजल..
ReplyDeleteऐ शाहिदां शम्मे-महफ़िल होके इश्क में गाफ़िल..,
ReplyDeleteतेरी जुल्फ़ को बाराने-बर रुखसार को चाँद लिखूँ .....
वाह सर ...कमाल के अशार ...वाह ..वाह।
ReplyDeleteयूँ तो कोई गाफिल याँ सद्रे-कारवां दिखता नहीं,
ReplyDeleteशिव की यही बारात है? जो लिख दिया सो लिख दिया
शिव की बारात ...
वाह, बहुत खूब, गाफिल जी।
बहुत खूब कहा है ..चर्चा मंच में बिठाने के लिए आभार .
ReplyDeleteram ram bhai
ReplyDeleteमुखपृष्ठ
रविवार, 3 फरवरी 2013
विश्वरूप और पाकिस्तान समर्थित समाज
विश्वरूप और पाकिस्तान समर्थित समाज
मेरे आदरणीय चिठ्ठाकार दोस्तों !मुंबई के कोलाबा स्थित आर्मी आडिटोरियम से अभी लेखक निदेशक कमल हसन साहब की
"विश्वरूप "(हिंदी में यही नाम लिखा आया है परदे पर )देख कर लौटा
हूँ .लोभ संवरण नहीं कर पा रहा हूँ एक फौरी टिपण्णी का .
फिल्म भले अभिनय की दृष्टि से अव्वल न रही हो लेकिन थीम और सशक्त परिवेश फिल्म का काबिले तारीफ़ है .यह एक वातावरण
प्रधान फिल्म है असल नायक परिवेश और एक सांगीतिक लय -
ताल एक रिदम ही रही है विश्व -रूप की .शंकर एहसान लोय का संगीत उस थिरकन को बनाए रहता है पृष्ठ भूमि संगीत के रूप में
.सन्देश भी बड़ा साफ़ है यदि जिहादी आतंकवाद का सामना करना
है तो अमरीका
और
भारत को हाथ मिलाना होगा .अमरीका की अभिनव प्रोद्योगिकी और भारत का आला दिमाग ही सर्वव्यापी जिहाद का जवाब हो सकता है .
कथानक जितना अपुनको समझ आया बस इतना ही है कमल हासन असल में नृत्य निर्देशक न होकर भारतीय खुफिया एजेंसी के
लिए काम करता है .ऍफ़ बी आई (अमरीकी खुफिया एजेंसी के साथ
).आतंकियों का सुराग लेने के लिए यह उनके खेमे में चला आता है और इस प्रकार बा -खबर रहता है उनके षड्यंत्रों से .और आखिर में सीजियम बम के खात्मे से एक बड़े भू -भाग को विकिरण के
घातक प्रभाव से बचा लेता है .सीजियम बम एक डर्टी सहज प्रयोज्य (रणनीतिक )बम है .
समझ में यह नहीं आया भारत में इस फिल्म का विरोध क्यों ?
पाकिस्तान में हो तो फिर भी जायज़ कहा जा सके क्योंकि आइएस आई के सूत्र इस जिहाद से खुल्लम खुला जुड़े रहें हैं .कहीं उनका
फिल्म में प्रोजेक्शन भी है .लेकिन नव उन्मीलित सेकुलर अभिनेत्री
और राजनीतिक धंधे बाज़ ललिता
जय
के तमिलनाडु में क्या पाकिस्तान समर्थक समुदाय रहता है जो इस फिल्म का विरोध बिला वजह अब तक होता रहा ?
विश्वरूप और पाकिस्तान समर्थित समाज
http://veerubhai1947.blogspot.in/
.चर्चा मंच मेंविश्वरूप और पाकिस्तान समर्थित समाज को बिठाने के लिए आभार .आभार आभार हृदय से आभार .
ReplyDeleteघर फूंककर खुद का ही खुद जो रौशनी पर है फ़िदा
ReplyDeleteदेखा? के काली रात है जो लिख दिया सो लिख दिया ?
बहुत ही उम्दा पंक्तियाँ | पढ़कर आनंद आया | आपकी सोच और इस ख्याल को सलाम | आभार
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
प्रभावी प्रस्तुति |
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीय ||
बहुत बढ़ियाँ गजल...
ReplyDelete:-)
Very nice post. I just stumbled upon your weblog and wished to say that I have
ReplyDeletetruly enjoyed surfing around your blog posts.
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My web page > http://Www.erovilla.com