चलिए टेस्ट बदलते हैं! प्रस्तुत है एक गीत-
केतना हमके सतइबू हमार सजनी!
कहवाँ हमसे लुकइबू हमार सजनी!!
जउन मन भावै ऊ कहि डारा बतिया,
नाहीं पछितइबू तू सारी-सारी रतिया,
चला जाबै हम होत भिनसार सजनी!
केतना हमका सतइबू हमार सजनी!!
कइकै बहाना तू बचि नाहीं पइबू,
पीछा नाहीं छोड़ब हम केतनौ छोड़इबू,
ताना मारौ चाहे हमका हजार सजनी!
केतना हमका सतइबू हमार सजनी!!
ग़ाफ़िल चलि जाई त फेरि नाहीं आई,
मानी नाहीं फिर ऊ कउनौ मनाई,
चाहे छूटि जाय पूरा घर-बार सजनी!
केतना हमका सतइबू हमार सजनी!!
हां नहीं तो!
कमेंट बाई फ़ेसबुक आई.डी.
केतना हमके सतइबू हमार सजनी!
कहवाँ हमसे लुकइबू हमार सजनी!!
जउन मन भावै ऊ कहि डारा बतिया,
नाहीं पछितइबू तू सारी-सारी रतिया,
चला जाबै हम होत भिनसार सजनी!
केतना हमका सतइबू हमार सजनी!!
कइकै बहाना तू बचि नाहीं पइबू,
पीछा नाहीं छोड़ब हम केतनौ छोड़इबू,
ताना मारौ चाहे हमका हजार सजनी!
केतना हमका सतइबू हमार सजनी!!
ग़ाफ़िल चलि जाई त फेरि नाहीं आई,
मानी नाहीं फिर ऊ कउनौ मनाई,
चाहे छूटि जाय पूरा घर-बार सजनी!
केतना हमका सतइबू हमार सजनी!!
हां नहीं तो!
कमेंट बाई फ़ेसबुक आई.डी.
बाड़ा सुन्दर भोजपुरिया गीत प्रस्तुत कईनि भाई जी सादर आभार बा.
ReplyDeletetu jetna kahab ham utna satayeeb,ji bhar ke tohka hamhi roaayeeb,diva me tohake hamhin basayeeb,ungli pakad tohayee hamhi chalayeeb,masu madmast
ReplyDeletevery touching.......apna sa laga ....
ReplyDeleteवाह वाह !!! बहुत कमाल का गीत लिखा गाफिल साहब,,पढ़कर आनंद आ गया ,आभार
ReplyDeleteRecent Post : अमन के लिए.
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteपधारें "आँसुओं के मोती"
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteनवरात्रों की बधाई स्वीकार कीजिए।
सुन्दर प्रस्तुति -
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीय ||
भाषा कहें या आंचलिक बोली मिठास से भर पूर है -
ReplyDeleteकइकै बहाना तू बचि नाहीं पइबू,
पीछा नाहीं छोड़ब हम केतनौ छोड़इबू,
ताना मारौ चाहे हमका हजार सजनी!
केतना हमका सतइबू हमार सजनी!!
अदभुद बिरह वेदना ........सजनी के लिए लोकभाषा की मिठास लिए आपकी रचना मैं घर में बहुत देर तक गुनगुनाता रहा ......मेरी सजनी तो मान गयी । भगवान् यही ख़ुशी आप तक भी पहुचाएं । शुभ कामनाओं के साथ सुन्दर भोजपुरी रचना के लिए आभार भी मिश्र जी ।
ReplyDeleteबोली की मिठास ने मुग्ध कर दिया, छत्तीसगढ़ी से काफी मिलती जुलती बोली है, सरलता से समझ में आ गई. गीत ने गुनगुनाने के लिये मजबूर कर दिया.
ReplyDeleteग़ाफ़िल चलि जाई त फेरि नाहीं आई,
मानी नाहीं फिर ऊ कउनौ मनाई,
इन पंक्तियों के लिए विशेष रूप से बधाई स्वीकार कीजिये......
चला जाबै हम होत भिनसार सजनी! HAI
ReplyDeleteWAAH WAAH KYA BAAT