सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय-शुभकामनायें-
सही कहा है
bilhul sach latest post केदारनाथ में प्रलय (२)
आओ!मज़हबों को दरकिनारकरइंसानियत की पाठशाला खोलेंपहले इंसान तो हो लें!बहुत खूब !
Sundar panktiyan .
बहुत सुंदर भावपूर्ण सृजन ,RECENT POST ....: नीयत बदल गई.
पहले इंसान तो हो लें । बिल्कुल सही कहा ।
वाह बहुत खूब
सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय-
ReplyDeleteशुभकामनायें-
सही कहा है
ReplyDeletebilhul sach
ReplyDeletelatest post केदारनाथ में प्रलय (२)
आओ!
ReplyDeleteमज़हबों को दरकिनारकर
इंसानियत की पाठशाला खोलें
पहले इंसान तो हो लें!
बहुत खूब !
Sundar panktiyan .
Deleteबहुत सुंदर भावपूर्ण सृजन ,
ReplyDeleteRECENT POST ....: नीयत बदल गई.
पहले इंसान तो हो लें । बिल्कुल सही कहा ।
ReplyDeleteवाह बहुत खूब
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