कभी गाहे बगाहे आदतन ग़ाफ़िल से मिलती है
मगर जब भी ये मिलती है हमेशा दिल से मिलती है
अगर ख़ुद नींद आ जाए तो समझो ख़ुद को क़िस्मतवर
ये दौलत इस ज़माने में बड़ी मुश्क़िल से मिलती है
-‘ग़ाफ़िल’
मगर जब भी ये मिलती है हमेशा दिल से मिलती है
अगर ख़ुद नींद आ जाए तो समझो ख़ुद को क़िस्मतवर
ये दौलत इस ज़माने में बड़ी मुश्क़िल से मिलती है
-‘ग़ाफ़िल’
No comments:
Post a Comment