Saturday, November 16, 2019

जिसे आँख भर देखते हो

जिगर देखते हो यक़ीनन
मेरे सिम्त अगर देखते हो
ज़रा ग़ुफ़्तगू भी हो उससे
जिसे आँख भर देखते हो

-‘ग़ाफ़िल’

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (20-11-2019) को     "समय बड़ा बलवान"    (चर्चा अंक- 3525)     पर भी होगी। 
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
     --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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