Saturday, January 30, 2021

रही न फ़िक़्र किसी के अब आने जाने की

न बात बीच में आती हो जी लगाने की
तो है पड़ी ही किसे यार आज़माने की

रहा न मैं वो, रहा था जो आज के पहले
रही न फ़िक़्र किसी के अब आने जाने की

-‘ग़ाफ़िल’

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