किसी की जान जा रही किसी को लुत्फ़ आ गया
कोई सिसक सिसक रहा कोई है गीत गा गया
मज़ार दीपकों की रोशनी में हैं खिले मगर
किसी की ज़िन्दगी को अन्धकार थपथपा गया
किसी की मांग धुल रही किसी की सेज सज गयी
कोई यहाँ से जा रहा कोई यहाँ पे आ गया
यहीं पे जीत हार है यहीं पे द्वेष प्यार है
कोई किसी को भा गया कोई किसी को भा गया
अगर कहें तो है अज़ीब रंगतों का ये जहाँ
कोई मुझे हँसा रहा कोई मुझे रुला गया
-‘ग़ाफ़िल’
कोई सिसक सिसक रहा कोई है गीत गा गया
मज़ार दीपकों की रोशनी में हैं खिले मगर
किसी की ज़िन्दगी को अन्धकार थपथपा गया
किसी की मांग धुल रही किसी की सेज सज गयी
कोई यहाँ से जा रहा कोई यहाँ पे आ गया
यहीं पे जीत हार है यहीं पे द्वेष प्यार है
कोई किसी को भा गया कोई किसी को भा गया
अगर कहें तो है अज़ीब रंगतों का ये जहाँ
कोई मुझे हँसा रहा कोई मुझे रुला गया
-‘ग़ाफ़िल’
वाह बहुत बढिया
ReplyDeleteबहुत खूब, खूबशूरत अहसाह
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बुधवार (12-06-2013) को बुधवारीय चर्चा --- अनवरत चलती यह यात्रा बारिश के रंगों में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शुक़्रिया शास्त्री जी
Deleteशुक़्रिया तुषार भाई
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति.
ReplyDeleteगाफिल जी ने छेड दिये फिर दिल कतार
दिल के कोने से आके फिर कोई रुला गया..
मुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि
ReplyDeleteआप की ये रचना 14-06-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल
पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ।
आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाना।
मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।
जय हिंद जय भारत...
कुलदीप ठाकुर...
क्या बात है, बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
मीडिया के भीतर की बुराई जाननी है, फिर तो जरूर पढिए ये लेख ।
हमारे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर। " ABP न्यूज : ये कैसा ब्रेकिंग न्यूज ! "
http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/abp.html
ये जहाँ भी क्या अज़ीब रंगतों का है जहाँ,
ReplyDeleteकोई मुझे हंसा रहा, कोई मुझे रुला गया॥
यही तो जिंदगी है --बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति !
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post: प्रेम- पहेली
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !
ये जहाँ भी क्या अज़ीब रंगतों का है जहाँ,
ReplyDeleteकोई मुझे हंसा रहा, कोई मुझे रुला गया॥
बेहतरीन ..बहुप्रतीक्षित थी ..सादर बढ़ायी के साथ
आपने लिखा....हमने पढ़ा
ReplyDeleteऔर लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 13/06/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
ये जहाँ भी क्या अज़ीब रंगतों का है जहाँ,
ReplyDeleteकोई मुझे हंसा रहा, कोई मुझे रुला गया॥
बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,
recent post : मैनें अपने कल को देखा,
खूबसूरत गज़ल
ReplyDeleteये जहाँ भी क्या अज़ीब रंगतों का है जहाँ,
ReplyDeleteकोई मुझे हंसा रहा, कोई मुझे रुला गया॥
.....सब अपने ही होते है,.तभी यह सब होता रहता है ..
..बहुत बढ़िया रचना
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....
ReplyDeleteकोई मज़ार दीपकों की रोशनी में खिल रही,
किसी की ज़िन्दगी पे अन्धकार मुस्कुरा गया।
कोमल अभिव्यक्ति...
सादर
अनु
यहीं पे जीत हार है, यहीं पे द्वेष प्यार है,
ReplyDeleteकोई किसी को भा गया, कोई किसी को भा गया।
--
वाह-वाह क्या बात है ग़ाफ़िल सर!
किसी की जान जा रही, किसी को लुत्फ़ आ गया।
ReplyDeleteकोई सिसक सिसक रहा, कोई है गीत गा गया॥ बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति
और यह जहाँ भी क्या अज़ीब रंगतों का है जहाँ,
ReplyDelete"EFFECTIVE PRESENTATION"