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ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Sunday, February 01, 2015
मेरी जान अभी देखा है
मैंने क्या मौत का सामान अभी देखा है
तेरी आँखों में जो तूफ़ान अभी देखा है
रक्स करता हुआ शोला भी तबस्सुम सा कोई
तेरे होंठों पे मेरी जान अभी देखा है
-‘ग़ाफ़िल’
1 comment:
Naveen Mani Tripathi
February 01, 2015 8:51 PM
वाह क्या बात है
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वाह क्या बात है
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