Monday, November 26, 2018

हुस्न का इश्क़ पे बे तर्ह फ़िदा हो जाना

चाँद की छत पे उतर आने की इस तर्ह की ज़िद
हुस्न का इश्क़ पे बे तर्ह फ़िदा हो जाना

-‘ग़ाफ़िल’

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (28-11-2018) को "नारी की कथा-व्यथा" (चर्चा अंक-3169) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    राधा तिवारी

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