😔
तू ही जो मुझको ग़ैर समझा है फिर
क्यूँ न दुनिया मुझे तेरा समझे
जीना चाहे भी कोई क्यूँ जब उसे
कोई अपना ही दूसरा समझे
-‘ग़ाफ़िल’
तू ही जो मुझको ग़ैर समझा है फिर
क्यूँ न दुनिया मुझे तेरा समझे
जीना चाहे भी कोई क्यूँ जब उसे
कोई अपना ही दूसरा समझे
-‘ग़ाफ़िल’
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