Wednesday, December 02, 2020

मगर क्या के अक़्सर लज़ाकर चले

ज़ुनून आने का क्यूँ न जाना हो गर
और आए भी क्या जो हम आकर चले
चलो ख़ैर आए हम अक़्सर यहाँ
मगर क्या के अक़्सर लज़ाकर चले

-‘ग़ाफ़िल’

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