एहसासात
क़त्आ
कविता
कुछ अधूरा सा
कुण्डलियां
क्षणिकाएँ
ग़ज़ल
गीत
दो शे’र
दोहे
नज़्म
फ़र्द
मुक्तक
रुबाइयाँ
लघु-कथा
लिंक
शब्बाख़ैर!
शादी की सालगिरह
शुभकामना
सुप्रभात!
स्पेशल
हज़ल
हास्य-व्यंग्य
Links
Ghafalton ki Duniya
kd10 से यूनिकोड
बेसुरम्
ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Tuesday, September 20, 2022
आईना भी जो मैं हूँ दिखाता नहीं
था कभी गुलसिताँ दिल बियाबाँ है अब
कोई आता नहीं कोई जाता नहीं
क्या अजीब आजकल अपनी तक़दीर है
आईना भी जो मैं हूँ दिखाता नहीं
-‘ग़ाफ़िल’
4 comments:
Anita
September 20, 2022 4:28 PM
बेहतरीन
Reply
Delete
Replies
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
September 28, 2022 12:03 PM
अनीता जी बहुत बहुत आभार आपका
Delete
Replies
Reply
Reply
सुशील कुमार जोशी
September 21, 2022 9:39 AM
वाह
Reply
Delete
Replies
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
September 28, 2022 12:03 PM
जोशी जी हार्दिक आभार
Delete
Replies
Reply
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बेहतरीन
ReplyDeleteअनीता जी बहुत बहुत आभार आपका
Deleteवाह
ReplyDeleteजोशी जी हार्दिक आभार
Delete