Wednesday, April 17, 2013

एगो टैक्सी छाप गीत-

तोहरे नाक की नथुनिया हमरा जान मारे ली।
तोहरे माथ की चंदनिया हमरा जान मारेली।।

हमरा प्यार से बुलावन, तोहरा दूरि चलिजावन,
झूठै बतिया बनावन, ज़्यादा नख़रा देखावन,
तोहरी मीठी मुसकनिया हमरा जान मारेली,
तोहरी चंचल चितवनिया हमरा जान मारेली।

तनवा सरसेला ख़ूब, मनवा हरसेला ख़ूब,
रस बरसेला ख़ूब, लोगवा तरसेला ख़ूब,
तोहरी मधुरी बोलनिया हमरा जान मारेली,
तोहरी लटलटकनिया हमरा जान मारेली

संझवां छत पर घुमायी, फोन लइकै बतियायी,
ताहरा बाल झटकायी ग़ाफ़िल वइसै बौराई,
मैक्सी की फररर फरकनिया हमरा जान मारेली,
तोहरी चाल मस्तनिया हमरा जान मारेली।।

हाँ नहीं तो!

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2 comments:

  1. वाह !!! बहुत खूब गाफिल जी ,कमाल का दिलकश गीत ,

    RECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.

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  2. हा हा हा हा .... गाफिल जी तुस्सी तान छा गए | बेहतरीन रचना | आभार


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