क्या है रब यह तूने उसके हाथ में ख़ंजर दिया
और मेरे सीने को पत्थर सरीखा कर दिया
तू बता पहले ही कैसे मैं भला देता जवाब
तेरा ख़त बस आज ही तो मुझको नामाबर दिया
कोई तो लौटा दे थोड़ा वक़्त वह मैंने जिसे
जब ज़ुरूरत थी पड़ी तो लोगों को अक़्सर दिया
हो पता तुझको न लेकिन टूटता है यूँ भी जी
जो रटे है यह के मैंने जो दिया बेह्तर दिया
जो भी था मेरा उसे ग़ाफ़िल लुटाया शौक से
तू बता था तेरा जो तूने भी क्या जी भर दिया
-‘ग़ाफ़िल’
और मेरे सीने को पत्थर सरीखा कर दिया
तू बता पहले ही कैसे मैं भला देता जवाब
तेरा ख़त बस आज ही तो मुझको नामाबर दिया
कोई तो लौटा दे थोड़ा वक़्त वह मैंने जिसे
जब ज़ुरूरत थी पड़ी तो लोगों को अक़्सर दिया
हो पता तुझको न लेकिन टूटता है यूँ भी जी
जो रटे है यह के मैंने जो दिया बेह्तर दिया
जो भी था मेरा उसे ग़ाफ़िल लुटाया शौक से
तू बता था तेरा जो तूने भी क्या जी भर दिया
-‘ग़ाफ़िल’
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