Saturday, December 22, 2018

प्यार हिस्से में मेरे आपका इतना आया

याद हो या के न हो नींद में क्या क्या आया
हाँ मगर ये है मुझे ख़्वाब सुहाना आया
मैं दबा जाता रहा ख़ुश्बुओं के बोझ तले
प्यार हिस्से में मेरे आपका इतना आया

-‘ग़ाफ़िल’

2 comments:

  1. बस प्यार प्यारा हो...इतना सा भी है तो क्या कहने!

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