आओ अपने अंतस का तम दूर भगाएं
मृत्युस्पर्द्धी सोई मनुता पुनः जगाएं
अधिक नहीं इस तरह से दीपक एक जलाकर
यारों क्यों न अबकी दीपावली मनाएं
सपरिवार आप सभी को दीवाली की अनन्त हार्दिक शुभकामनाएँ
-‘ग़ाफ़िल’
मृत्युस्पर्द्धी सोई मनुता पुनः जगाएं
अधिक नहीं इस तरह से दीपक एक जलाकर
यारों क्यों न अबकी दीपावली मनाएं
सपरिवार आप सभी को दीवाली की अनन्त हार्दिक शुभकामनाएँ
-‘ग़ाफ़िल’
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