एहसासात
क़त्आ
कविता
कुछ अधूरा सा
कुण्डलियां
क्षणिकाएँ
ग़ज़ल
गीत
दो शे’र
दोहे
नज़्म
फ़र्द
मुक्तक
रुबाइयाँ
लघु-कथा
लिंक
शब्बाख़ैर!
शादी की सालगिरह
शुभकामना
सुप्रभात!
स्पेशल
हज़ल
हास्य-व्यंग्य
Links
Ghafalton ki Duniya
kd10 से यूनिकोड
बेसुरम्
ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Saturday, February 18, 2017
साँप आस्तीं के
चलाया तो तीरे नज़र आप ही ने
मगर आपको हम न रुस्वा करेंगे
हैं साँप आस्तीं के भला क्या यहाँ कम
जो अब आप भी रोज़ आया करेंगे
-‘ग़ाफ़िल’
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment