एहसासात
क़त्आ
कविता
कुछ अधूरा सा
कुण्डलियां
क्षणिकाएँ
ग़ज़ल
गीत
दो शे’र
दोहे
नज़्म
फ़र्द
मुक्तक
रुबाइयाँ
लघु-कथा
लिंक
शब्बाख़ैर!
शादी की सालगिरह
शुभकामना
सुप्रभात!
स्पेशल
हज़ल
हास्य-व्यंग्य
Links
Ghafalton ki Duniya
kd10 से यूनिकोड
बेसुरम्
ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Saturday, January 11, 2020
शायद
दो शे’र-
गुफ़्तगू हो भी अगर तो कैसे
हर कोई ऊब गया है शायद
आह ये ख़ुश्बू! इसी राह से ही
मेरा महबूब गया है शायद
-‘ग़ाफ़िल’
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment