एहसासात
क़त्आ
कविता
कुछ अधूरा सा
कुण्डलियां
क्षणिकाएँ
ग़ज़ल
गीत
दो शे’र
दोहे
नज़्म
फ़र्द
मुक्तक
रुबाइयाँ
लघु-कथा
लिंक
शब्बाख़ैर!
शादी की सालगिरह
शुभकामना
सुप्रभात!
स्पेशल
हज़ल
हास्य-व्यंग्य
Links
Ghafalton ki Duniya
kd10 से यूनिकोड
बेसुरम्
ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Saturday, January 25, 2020
ग़म थे जो रक़म हुए
आदाब दोस्तो!
क्या करें भी याद कर यह के दौरे इश्क़ में
हमपे क्या सितम हुए और क्या क़रम हुए
बस उसी ही नाज़ से आज भी रहे सता
हिज्र वाली रात में ग़म थे जो रक़म हुए
-‘ग़ाफ़िल’
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment