एहसासात
क़त्आ
कविता
कुछ अधूरा सा
कुण्डलियां
क्षणिकाएँ
ग़ज़ल
गीत
दो शे’र
दोहे
नज़्म
फ़र्द
मुक्तक
रुबाइयाँ
लघु-कथा
लिंक
शब्बाख़ैर!
शादी की सालगिरह
शुभकामना
सुप्रभात!
स्पेशल
हज़ल
हास्य-व्यंग्य
Links
Ghafalton ki Duniya
kd10 से यूनिकोड
बेसुरम्
ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Wednesday, January 29, 2020
अपने देखे भाले कौन
कौए से बोली कोयल
तुम गोरे तो काले कौन
तुम्हें भी जान न पाऊँ तो
अपने देखे भाले कौन
-‘ग़ाफ़िल’
1 comment:
Rohitas Ghorela
February 03, 2020 7:27 AM
वाह।
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है-
लोकतंत्र
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
वाह।
ReplyDeleteनई पोस्ट पर आपका स्वागत है- लोकतंत्र