आए कोई भी बहाने आए
कोई फिर मुझको सताने आए
राहे उल्फ़त है कठिन गो फिर भी
कोई तो साथ निभाने आए
आप इक पल से ही ऊबे हो मियाँ!
अपने आगे तो ज़माने आए
शुक्र है ज़ेह्न तो है अपने साथ
वर्ना कितने हैं बनाने आए
काश! ग़ाफ़िल जी वो पा जाएँ आप
हम फ़क़ीरों से जो पाने आए
-‘ग़ाफ़िल’
कोई फिर मुझको सताने आए
राहे उल्फ़त है कठिन गो फिर भी
कोई तो साथ निभाने आए
आप इक पल से ही ऊबे हो मियाँ!
अपने आगे तो ज़माने आए
शुक्र है ज़ेह्न तो है अपने साथ
वर्ना कितने हैं बनाने आए
काश! ग़ाफ़िल जी वो पा जाएँ आप
हम फ़क़ीरों से जो पाने आए
-‘ग़ाफ़िल’
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