पता है का का पीये खाये बइठे हो
यही बदे का यार लजाए बइठे हो
कहै पियक्कड़ दुनिया तौ फिर ठीक अहै
हम बोलेन तौ मुँह लटकाए बइठे हो
इश्क़ जौ करबो तौ कुछ होइहैं रक़ीब भी
आपन दुसमन आप बनाए बइठे हो
दिल दरिया से किहे किनारा हौ तुम और
आँख से मै कै आस लगाए बइठे हो
अच्छा ख़ासा रहेव बियाहे के पहिले
अब जइसै थप्पड़ जड़वाए बइठे हो
होस मा होतेव प्यार केर बातें होतीं
हमैं देखि कै होस गँवाए बइठे हो
ग़ाफ़िल जी मुस्कानौ तुम्हरी है जइसै
चेहरे पै चेहरा चिपकाए बइठे हो
-‘ग़ाफ़िल’
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