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ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Friday, November 24, 2017
हम अक़्सर देखे हैं
दर पर तेरे रोज़ रगड़ते पेशानी
हुस्न! हम कई शाह कलन्दर देखे हैं
संगमरमरी ताज की दीवारों पर भी
दाग़ खोजते लोग हम अक़्सर देखे हैं
-‘ग़ाफ़िल’
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