Thursday, September 06, 2018

ज़िन्दगी तुझपे है गुमाँ फिर भी

मर्तबा क्या है देखिए पर उफ़ुक़
फ़र्श पर ख़ुश है आसमाँ फिर भी
गोया है मौत ही तेरी मंज़िल
ज़िन्दगी तुझपे है गुमाँ फिर भी

-ग़ाफ़िल’

2 comments:

  1. कब किसकी आखिरी मंजिल सामने हो, कोई नहीं जानता, फिर भी गुमां कहाँ छोड़ता इंसान
    बहुत खूब

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