कब किसकी आखिरी मंजिल सामने हो, कोई नहीं जानता, फिर भी गुमां कहाँ छोड़ता इंसान बहुत खूब
जी मोहतरमा धन्यवाद
कब किसकी आखिरी मंजिल सामने हो, कोई नहीं जानता, फिर भी गुमां कहाँ छोड़ता इंसान
ReplyDeleteबहुत खूब
जी मोहतरमा धन्यवाद
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