भले रुस्वा करे मुझको मगर तुझको पता होगा
के मेरे बाद शह्रे हुस्न में क्या क्या हुआ होगा
नहीं गो याद है लेकिन यक़ीं इतना तो है ख़ुद पर
अगर वह ख़ूबसूरत है तो फिर मुझसे मिला होगा
है आया कौन यह मालूम होना चाहिए आख़िर!
किए बिन इत्तिला दिल में जो आएगा बुरा होगा
न कर पाये मुझे सन्नाम तो बदनाम ही कर दे
सुक़ून आ जाएगा चर्चा मेरे जब नाम का होगा
तसव्वुर में मेरे इतनी दफा आना पड़ा तुझको
मुझे मालूम है इस बात से ही तू ख़फ़ा होगा
कोई मेरी निगाहों से ज़रा दुनिया को तो देखे
ये दुनिया जल रही होगी वो ग़ाफि़ल हो रहा होगा
-‘ग़ाफ़िल’
के मेरे बाद शह्रे हुस्न में क्या क्या हुआ होगा
नहीं गो याद है लेकिन यक़ीं इतना तो है ख़ुद पर
अगर वह ख़ूबसूरत है तो फिर मुझसे मिला होगा
है आया कौन यह मालूम होना चाहिए आख़िर!
किए बिन इत्तिला दिल में जो आएगा बुरा होगा
न कर पाये मुझे सन्नाम तो बदनाम ही कर दे
सुक़ून आ जाएगा चर्चा मेरे जब नाम का होगा
तसव्वुर में मेरे इतनी दफा आना पड़ा तुझको
मुझे मालूम है इस बात से ही तू ख़फ़ा होगा
कोई मेरी निगाहों से ज़रा दुनिया को तो देखे
ये दुनिया जल रही होगी वो ग़ाफि़ल हो रहा होगा
-‘ग़ाफ़िल’
क्या बात है सर ...वाह
ReplyDeleteकमाल कर दिया