Monday, May 14, 2018

तेरी तर्ज़े बयानी का हूँ क़ाइल

कहाँ मैं लंतरानी का हूँ क़ाइल
तेरी तर्ज़े बयानी का हूँ क़ाइल
तुझे मालूम हो ग़ाफ़िल मैं तेरी
बला की बेज़ुबानी का हूँ क़ाइल

-‘ग़ाफ़िल’

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