आदाब दोस्तो! चार लाइन बस एवैं-
आओ शादी शादी खेलें तन मन की बर्बादी खेलें खेल चुके अब ख़्वाब सुहाने ग़ुम होती आज़ादी खेलें
आओ शादी शादी खेलें...
-‘ग़ाफ़िल’
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