स्वीकार भी अस्वीकार भी कसमकस इश्के खासियत हमारी ।मौहब्बत रागिनी फिर विरह दिल जख्म न दे गुजारिश हमारी ।।बहुत गजब का अंदाज ।आभार ।
शुक्रिया जनाब
वाह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह लाजवाब
नमन्
आभार शास्त्री जी
स्वीकार भी अस्वीकार भी कसमकस इश्के खासियत हमारी ।
ReplyDeleteमौहब्बत रागिनी फिर विरह दिल जख्म न दे गुजारिश हमारी ।।
बहुत गजब का अंदाज ।आभार ।
शुक्रिया जनाब
ReplyDeleteवाह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह लाजवाब
ReplyDeleteनमन्
Deleteआभार शास्त्री जी
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