आप माना के मेरे हुए
पर हुआ अर्सा देखे हुए
मैं बताऊँ भी तो किस तरह
हादिसे कैसे कैसे हुए
ग़ैरमुम्क़िन है पाना सुक़ूँ
लोग ज्यूँ बैंडबाज़े हुए
मेरा गिरने का ग़म भी गया
आपको देख हँसते हुए
कम नहीं झेलना आपका
शे’र ग़ाफ़िल के जितने हुए
-‘ग़ाफ़िल’
पर हुआ अर्सा देखे हुए
मैं बताऊँ भी तो किस तरह
हादिसे कैसे कैसे हुए
ग़ैरमुम्क़िन है पाना सुक़ूँ
लोग ज्यूँ बैंडबाज़े हुए
मेरा गिरने का ग़म भी गया
आपको देख हँसते हुए
कम नहीं झेलना आपका
शे’र ग़ाफ़िल के जितने हुए
-‘ग़ाफ़िल’
Bahhut sahi gaphill sahab
ReplyDeleteआभार महोदया
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