याद करने के लिए हो के भुलाने के लिए
छोड़ कर कुछ भी तो जा यार ज़माने के लिए
मिस्ले दुनिया ही है ऐ दोस्त मेरा मैख़ाना
लोग आते ही यहाँ रोज़ हैं जाने के लिए
बस यही शिक़्वे ज़रा चंद मुहर्रम के गीत
और क्या कुछ न रहा मुझको सुनाने के लिए
कोई कुटिया हो के हो कोई महल मरमर का
एक चिंगारी ही काफी है जलाने के लिए
होश में हूँ गो मगर जी तो यही कहता है
और कुछ पी लूँ अभी होश में आने के लिए
खेल जाएगा ये ग़ाफ़िल तू कहे तो जी पर
तेरी उम्मीद तेरा ख़्वाब सजाने के लिए
-‘ग़ाफ़िल’
छोड़ कर कुछ भी तो जा यार ज़माने के लिए
मिस्ले दुनिया ही है ऐ दोस्त मेरा मैख़ाना
लोग आते ही यहाँ रोज़ हैं जाने के लिए
बस यही शिक़्वे ज़रा चंद मुहर्रम के गीत
और क्या कुछ न रहा मुझको सुनाने के लिए
कोई कुटिया हो के हो कोई महल मरमर का
एक चिंगारी ही काफी है जलाने के लिए
होश में हूँ गो मगर जी तो यही कहता है
और कुछ पी लूँ अभी होश में आने के लिए
खेल जाएगा ये ग़ाफ़िल तू कहे तो जी पर
तेरी उम्मीद तेरा ख़्वाब सजाने के लिए
-‘ग़ाफ़िल’
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