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ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Monday, June 04, 2018
सीने के आर पार होता है
मान लूँगा हो कोई भी सूरत
मेरा तू ग़मग़ुसार होता है
तीर नज़रों का छोड़ तो वह जो
सीने के आर पार होता है
-‘ग़ाफ़िल’
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