Wednesday, April 11, 2018

चारःगरी

चारःगरी ये हाय री चारःगरी ये हाय
चारःगरी ये हाय के बीमार कर दिया
वह शख़्स ही है वैसे मेरे दिल का डाक्टर
नज़रों का तीर दिल के था जो पार कर दिया

-‘ग़ाफ़िल’

1 comment: