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ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Wednesday, April 18, 2018
अक़्ल अपनी ठिकाने लगी
मैं उसे आज़माने लगा
वह मुझे आज़माने लगी
देख ताबानी-ए-रुख़ तेरी
अक़्ल अपनी ठिकाने लगी
-‘ग़ाफ़िल’
2 comments:
कविता रावत
April 18, 2018 12:30 PM
सच आजमाइश होगी तो अक्ल ठिकाने लगेगी है
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चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
April 18, 2018 12:38 PM
धन्यवाद आदरणीया
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सच आजमाइश होगी तो अक्ल ठिकाने लगेगी है
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीया
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