Sunday, July 26, 2015

क्या मज़ा आपका चेहरा देखकर

आपके सिम्त आया था क्या देखकर
हूँ मैं हैरान उल्टा हुआ देखकर

आपके मैकदे की हो जो भी सिफ़त
क्या मज़ा आपका चेहरा देखकर

जी मेरा भी नशीला हुआ जा रहा
आपके लड़खड़ाते ये पा देखकर

क्या कहूँ किस कदर होश मेरा गया
आपको होश से लापता देखकर

आपका हो गया आज मुश्ताक़ मैं
आपके मैकशी की अदा देखकर

मर्हबा मर्हबा मर्हबा मर्हबा
मैं रटूं आपका सर फिरा देखकर

1 comment:

  1. बहुत अद्भुत अहसास...

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