Wednesday, April 18, 2018

अक़्ल अपनी ठिकाने लगी

मैं उसे आज़माने लगा
वह मुझे आज़माने लगी
देख ताबानी-ए-रुख़ तेरी
अक़्ल अपनी ठिकाने लगी

-‘ग़ाफ़िल’

2 comments:

  1. सच आजमाइश होगी तो अक्ल ठिकाने लगेगी है

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