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Sunday, July 23, 2017
सचबयानी
ज़र्द रू, ख़ामोश लब और आँखों में अश्कों का रक्स
इस तरह भी हो रही कुछ सचबयानी, देखिए!
-‘ग़ाफ़िल’
(चित्र गूगल से साभार)
1 comment:
RINKI RAUT
July 25, 2017 9:30 PM
बहुत उन्दा पंकितीय है
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बहुत उन्दा पंकितीय है
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