नहीं गो पाई आना चल रहा है
बहुत कुछ पर पुराना चल रहा है
न मिल पाने का तेरा आज भी तो
वही जो था बहाना चल रहा है
कभी था आज़माया मैं किसी पर
अभी तक वह निशाना चल रहा है
रहे उल्फ़त जो ठुकराई थी तूने
उसी रह पर दीवाना चल रहा है
फ़लक़ का जो कभी ताना था मैंने
अभी वह शामियाना चल रहा है
वफ़ा की लाश पर पहले ही जैसा
मज़े का नाच-गाना चल रहा है
भरम ही है तेरा ग़ाफ़िल के तेरे
इशारे पर ज़माना चल रहा है
-‘ग़ाफ़िल’
बहुत कुछ पर पुराना चल रहा है
न मिल पाने का तेरा आज भी तो
वही जो था बहाना चल रहा है
कभी था आज़माया मैं किसी पर
अभी तक वह निशाना चल रहा है
रहे उल्फ़त जो ठुकराई थी तूने
उसी रह पर दीवाना चल रहा है
फ़लक़ का जो कभी ताना था मैंने
अभी वह शामियाना चल रहा है
वफ़ा की लाश पर पहले ही जैसा
मज़े का नाच-गाना चल रहा है
भरम ही है तेरा ग़ाफ़िल के तेरे
इशारे पर ज़माना चल रहा है
-‘ग़ाफ़िल’
No comments:
Post a Comment