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ग़ाफ़िल
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
सी. बी. मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
Wednesday, January 31, 2018
एक शे’र आज के चाँद के नाम-
रुख़ ढकने का लाख जतन पर नक़ाब सरका जाता है
ग़ाफ़िल तो लट्टू हो बैठा चाँद की पर्दादारी पर
-‘ग़ाफ़िल’
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