Monday, July 23, 2018

दो शे'र-

😽1-

दुश्मनी ही है निभी तुझसे कहाँ
तू यहाँ ढब से निभाया क्या है

😽2-

कर लिया होगा जी याद ऐसे ही
तू कभी उसमें तो आया क्या है

-‘ग़ाफ़िल’

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